साथ-साथ

Tuesday, January 5, 2010

करमा हुआ उदास

धांगर विन्ध्य क्षेत्र के आदिवासियों की एक जाति है - हो सकता है वे दूसरे इलाके में भी हों। जांगर का मतलब होता है मेहनत। करमा आदिवासियों का गीत -नृत्य है ।

धांगर का जांगर खटे, खटे पहाड़ - पहाड़ ।

इस जंगल - क़ानून में सौ - सौ खाय पछाड़ ॥

आज़ादी क्या चीज है कोई उसे बताय ।

जो जंगल से बेदखल जंगल को ललचाय ॥

वनवासी - गिरिजन हुआ ठीकेदार का शूल ।

इसे प्यार से देख तू यह महुआ का फूल ॥

वनवासी की जिंदगी या की झाड़-झंखाड़ ।

जैसी सूखी लकड़ियाँ उसके तन के हाड़॥

एक फैक्टरी खुल गयी जिस जंगल के पास ।

वनवासी ढहकर गिरा करमा हुआ उदास ॥

तू पहाड़ पर खड़ा है सूरज तेरे पास ।

तेरे घर अंधेर क्यों , क्यों तू बहुत उदास ॥

जंगल - जंगल तुम चले , चले नदी के तीर ।

तेरे घर में चोर है ऐ पर्वत के वीर ॥

तू इतना चुपचाप है जैसे एक एक पहाड़ ।

मौसम की दहशत बड़ी या तेरी चिग्घाड़ ॥

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।

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