सुपरिचित कवि-कथाकार गंगाप्रसाद विमल की नई कविता पुस्तक खबरें और अन्य कविताएं से ली गई खबरें सीरीज की पहली कविता प्रस्तुत है। इस कविता में जो सच्चाई है, वह हम-आप रोज अखबार में और टीवी के परदे पर देखते हैं।
खबरें :एक/गंगाप्रसाद विमल
सविस्तार लिखूंगा खबर
जो दिखे
और दुर्घटना की तस्वीर के बाद
सुंदरी का चित्र
सुरापात्र लहराते हुए हो
मातमी दृश्य था खबर में
गमलों में ताजा फूल
खबरी का चेहरा
बरसों बसा रहने वाला था स्मृति में
तभी हवाई दुर्घटना की खबर आई
थोड़ा ब्रेक सह लें
लॉटरी का फैसला आएगा अभी
सिर्फ बाढ़ से मरे कुछ हजार
करोड़पति हुए अभिनेता
भूकंप ने तोड़े घर
मरे बच्चे
विस्तार से लिखूंगा खबर पर्दे पर
फिलहाल देखें बार बालाएं।
आपने आदरणीय विमल जी की कविता प्रस्तुत कर मन को अति सुख दिया है । धन्यवाद ।
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