साथ-साथ

Friday, November 12, 2010

सुखी रहे तेरी रात

फैज अहमद फैज ने कुछ बहुत अच्छे गीत लिखे हैं। लोगीत जैसी तासीर रखने वाला उनका यह गीत पढि.ए और गुनगुनाइए भी...

सुखी रहे तेरी रात/फैज अहमद फैज

सुखी रहे तेरी रात चंदा,
सुखी रहे तेरी रात

दूर है चैन की नगरी चंदा
दूर है सुख का गांव
जाने कैसे राह कटेगी
हारे थक-थक पांव

ओट में बैठे बैरी चंदा
थाम ले मेरा हाथ
सुखी रहे तेरी रात

तेरी दया से दीप जला है
इस पापन के द्वारे
जाने कैसे भाग जगे हैं
भूल गए दुख सारे

मन कांपे जी धड़के चंदा
छूट न जाए साथ
सुखी रहे तेरी रात

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