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Saturday, August 28, 2010

रूपवती होना भी सजा से कम नहीं!

स्त्री का जीवन सहज-सुंदर हो, इसके आगे अनेक अड़चन और अनेक चुनौतियां हैं। अब जैसे यही कि उसका रूपवती होना अनिवार्य योग्यता जैसा है। जरा सोचिए कि रूपवती होने-न होने की सूरत कितने भयानक रूप में अपमानजनक है...

अपघात/तसलीमा नसरीन

पुरूष के रूप में जन्म लेने पर
सबसे जरूरी क्या है?
मेधा।

अगर स्त्री का जन्म हो तो
सबसे ज्यादा जरूरी है
रूप।

क्या जानती है स्त्री
कि रूप दरअसल
खुद के नीचे बनाता है
अंधेरे का कूप!

कूप के जल में अचानक स्त्री
रूप की राख बुझाने के लिए
अलक्ष्य में लगाती है डुबकी।

दुनिया से निर्वासित
रूपवती की काफी हद तक
अपने ही घर में सेंधमारी है यह।

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