(उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार के तीन साल पूरे होने पर)
अरविंद चतुर्वेद
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लीप-पोतकर किया बराबर!
पहन-पहन कर नोट की माला
बैठ गइं यूपी की खाला
हुआ खजाना खाली,
दरबार सजाकर आलीशान
चाटुकार करते गुणगान
चलो, बजाओ ताली,
पूरब से पच्छिम तक देखो सजी हुई सरकार सरासर।
लीप-पोतकर किया बराबर॥
किसकी काशी किसका काबा
यह माया की नगरी बाबा,
चौका-चूल्हा कोई सजाए
बड़े पेट वालों का ढाबा,
तीन साल में तेरह झटके
क्या मजाल कोई पास में फटके,
औघड़ शासन एक पहाड़
जहां न पहुंचे सूखा-बाढ़,
जनता चाहे झोंके भाड़
अपने हाथी की चिग्घाड़,
दलित मंत्र है औ ताबीज
अपना पटूटा-अपनी लीज,
अपना हाथी घूम रहा है
अपना हाथी झूम रहा है,
बहुजन हुए सर्वजन जबसे सब धन बाइस सेर बिरादर।
लीप-पोतकर किया बराबर॥
ये सारा बुरा हाल हमलोगों के एकजुट होकर नहीं लड़ने की वजह से है / उम्दा कविता / हम चाहते हैं की इंसानियत की मुहीम में आप भी अपना योगदान दें / पढ़ें इस पोस्ट को और हर संभव अपनी तरफ से प्रयास करें http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/05/blog-post_20.html
ReplyDeletevery nice sir
ReplyDeletevery nice srr ji good after noon
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