राज ठाकरे - उद्धव - बाला !
चाचा चोर- भतीजा पाजी,
लोकतंत्र में ये हैं नाज़ी,
हिटलर के ये नव अवतार,
तोड़फोड़ - सेना - अखबार,
तीनो मिलकर बना रहे हैं
महाराष्ट्र को नरम निवाला !
राजनीति के पाकेटमार,
अव्वल धूर्त और मक्कार,
स्वयं स्वघोषित पहरेदार,
इनको लानत, सौ धिक्कार,
सागर तट पर कुँए के मेढक
पड़ा हुआ है अकल पे ताला !
राजनीति है गडबडझाला
ReplyDeleteशिवसेना है गन्दा नाला
मातोश्री मे रहने बाला
है वो देश बाटने बाला
लाजवाब्!
ReplyDeleteकिसी भी सच्चे भारतीय के दिल में इन लोगों के प्रति कुछ इस प्रकार की ही भावनाएं होंगी...
भारत तथाकथित सुधरे हुए समाज का एक हिस्सा है
ReplyDeleteभारत का इतिहास इसी तरह के विभाजन और आपसी लड़ाई झगड़ों की दास्ताँ लिए हुए है
२०१० का समय भी ये धर्म, क्षेत्रीयतावाद , जात पांत के भेद भावों को मिटा न पाया उसका
बहुत अफ़सोस है -
-- हर देश भक्त को नमन --
भारतीय जनता कब संगठित होगी ?
बातें करने का समय कब का बीत चूका है ...
अब तो , कायरता का त्याग करो ...
नेता क्या करेंगें ?
सिर्फ टेक्स लेंगें आपसे ..
जनता जनार्दन कब जागेगी ?
- लावण्या