साथ-साथ

Wednesday, February 10, 2010

जलते तवे पर

रोटी धुंआ देने लगी
जलते तवे पर.
लाचार आंसू चू पड़े
जलते तवे पर.

वह जेब खाली मर्द
जब घर में घुसा,
गाली - हजारों पड़ गईं
जलते तवे पर.

सपने हुए काफूर
फिर उसके सभी,
उसने हकीकत देख ली
जलते तवे पर.

क़ानून का पोथा
भला किस काम का,
ला फूँक दूं उसको
इसी जलते तवे पर.

किस पर भरोसा करेगा
यह आदमी,
कौन खायेगा कसम
जलते तवे पर !

1 comment:

  1. वाह!! क्या जबरदस्त विचार है जलते तवे पर!

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