औरत तो चाहती ही थी
एक समूची हरी - भरी धरती होना
भला वह कब चाहती थी
एक गुलदस्ते में तब्दील हो जाना
औरत चाहती तो थी एक गहरी झील
या शांत गतिवान नदी होना
लेकिन उसे खाली गिलास भरने का
पैमाना बनाकर
आपने रेगिस्तान पैदा कर लिया ।
अब औरत बिसूरती है
चार दीवारों के बीच
एक पूरे आसमान
और जंगल की तरफ़ खुलने वाली
महज़ एक खिड़की के लिए !
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