अक्षर - अक्षर भूख है शब्द - शब्द है प्यास ।
यह कविता कैसे लिखे कवि की कलम उदास । ।
वह अक्षर से दूर है लेकिन अर्थ करीब ।
उसकी कविता मैं लिखूं है वह बहुत गरीब । ।
मेरी कविता चीखती औ तू ढूंढें राग ।
तू पथराया बर्फ है इधर धधकती आग । ।
कविता में काबिल हुए धरे अजनबी भेष ।
भाषा के बहुरूपिये घूमें देश - विदेश । ।
शब्दों का जंजाल है उनका माया - जाल ।
जिस पर उन्हें गुरूर है जिसमें उन्हें कमाल । ।
आप लिखें समझें स्वयं अपनी ही मुस्कान ।
कैसी कविता आपकी कैसा भाषा - ज्ञान । ।
अक्षर - अक्षर में चमक चढ़ा हुआ हो आब ।
जीवन को पहचानिए चहरे खुली किताब । ।
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