साथ-साथ

Wednesday, November 18, 2009

बरसों बाद

आज मिला वह बहुत अचानक बरसों बाद

वह ठिठका या मैं ठिठका था बरसों बाद

मटमैली -सी हंसी पुरानी, कंधे थोड़े झुक आए थे

उसने बढ़कर हाथ मिलाया बरसों बाद

मैं कुछ पूछूं, वह कुछ बोले, इतना सब क्या मुमकिन था

आख़िर यह पहचान पुरानी - बरसों बाद

कभी मिलेंगे, मिल ही लेंगे, अभी बहुत ही जल्दी है

देखो भाई, इसी शाहर में बरसों बाद

तब से मन उमगा - उमगा है

छाप पुरानी, रंग पुराने, महक पुरानी - बरसों बाद ।

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