हत्यारे लाख कोशिश करें
मगर दुनिया के
रसातल में पहुँच जाने के बावजूद
मसान की मिट्टी से गर्दन उठा कर
खिलखिला पडेगा कोई फूल
कब्र के अंधेरे को फाड़कर
चंद हरी पत्तियों के साथ
निकल ही आएगी
एक जिद्दी टहनी
हत्यारे लाख कोशिश करें ।
जैसे मृत्यु के पहले
आदमी सौंप जाता है
अपनी भाषा किसी और को
तमाम दुर्घटनाओं में
दब -कुचल कर भी
मेरी आख़िरी उम्मीद
जीवन के अगल -बगल खडी रहेगी -
मौत को दुत्कारती -धिक्कारती
कविता नहीं बिछेगी
हत्यारों के पाँव के नीचे
कालीन बनकर
शब्दों से नहीं छीने जा सकेंगे
उनके अर्थ
हत्यारे लाख कोशिश करें ।
बहुत जबरदस्त!!
ReplyDeleteमृत्यु शाश्वत सत्य है और आपके शब्दों ने उसे भी मात दे दी। इनके अर्थ हत्यारिन मौत भी नहीं छीन सकती।
ReplyDelete