साथ-साथ

Monday, May 23, 2011

एक दौर में कई दौर हैं

 बीता हुआ समय आदमी को आसान लगता है, गुजरता हुआ समय कठिन और आनेवाला समय शायद कठिनतर महसूस होता है। चर्चित युवा कवि हरेप्रकाश उपाध्याय कहते हैं- एक दौर में कई दौर होते हैं। पढि़ए उनकी यह कविता-

समय/हरेप्रकाश उपाध्याय

धीरे-धीरे समय कठिन होता जा रहा है
धीरे-धीरे समय और कठिन होता जाएगा
क्या धीरे-धीरे समय बहुत कठिन हो जाएगा
क्या वह दौर हमारे ही वक्त में आएगा

जब समय सबसे कठिन हो जाएगा
उसके बाद कौन-सा समय आएगा
क्या धीरे-धीरे समय सरल होता जाएगा
क्या सबकुछ अपने-आप हो जाएगा
यह दौर किसके हिस्से आएगा...कैसे आएगा कब आएगा
कहो ज्योतिषियो, कहो
यह दौर किसके वक्त में आएगा
कहो सेठो, कहो सत्ताधीशो, कहो...

एक दौर में कई दौर हैं
किसके हिस्से कौन-सा छोर आएगा
यह सवाल कौन सुलझाएगा...?

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