साथ-साथ

Thursday, January 21, 2010

राम मिलाई जोड़ी

देखो, राम मिलाई जोड़ी !
एक गंगा का दूषित पानी दूजा उसमें पड़ी फिटकिरी
खोज - खाजकर लाये भी तो सोरेन संग मिल गए गडकरी
मोदी - अडवानी की संगत, सुषमा संग हैं अरुण जेटली
शिवराज - रमण की बाट निहारे राजनाथ की चाय-केतली
रेगिस्तानी इक वसुंधरा, पोखरियाल पहाड़ी
खींच - खांचकर किसी तरह से चले सियासी गाड़ी
भगवत-कथा न लागे मोहन कुर्सी जाय न छोड़ी
टूटे रथ के घोड़े बिदके जनता भई निगोड़ी !
देखो, राम मिलाई जोड़ी ......  

3 comments:

  1. बेहद सटीक और सार्थक व्यंग रचना

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  2. बहुत अच्छी रचना...बधाई

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