वह धूप में
नहा गया
पसीने में नहा गया
सराबोर
उसे प्यास लगी
बिलकुल ठन्डे पानी की
उसे घड़ा याद आया
उसे याद आया कि
भैंसें किस तरह
आँखें बंद, मुंह ऊपर किये
समूचा धड़, डूब गयी होंगी पोखरी में
उसने पीपल को याद किया
और बंसखार को भी
उसने माथा पोंछा - कनपटी तक
और तेज - तेज चलने लगा
घर की ओर
वह धूप में
नहा गया
सराबोर.
VERY NICE SIR
ReplyDelete