tag:blogger.com,1999:blog-3341219249258250435.post4059354158647326059..comments2023-04-16T08:17:38.337-07:00Comments on जनपद: इक नया जख्म मिला, एक नई उम्र मिलीअरविन्द चतुर्वेदhttp://www.blogger.com/profile/12754065083727268466noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3341219249258250435.post-28878438573368543792011-06-29T00:01:15.320-07:002011-06-29T00:01:15.320-07:00हम तरसते ही, तरसते ही, तरसते ही रहे,
वो फलाने से, ...हम तरसते ही, तरसते ही, तरसते ही रहे,<br />वो फलाने से, फलाने से, फलाने से मिले॥<br /> वाह वैसे तो हर शेर दाद देने लायक है। धन्यवाद बेहतरीन गज़ल पढवाने के लिये।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com