tag:blogger.com,1999:blog-3341219249258250435.post2692780262888022318..comments2023-04-16T08:17:38.337-07:00Comments on जनपद: आज नागार्जुन होते तो ऐसी कविता न लिखतेअरविन्द चतुर्वेदhttp://www.blogger.com/profile/12754065083727268466noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3341219249258250435.post-85844715070769071162011-07-28T20:54:20.979-07:002011-07-28T20:54:20.979-07:00यह कविता तत्कालीन यथार्थ अभिव्यक्त करती है।
बाबा ...यह कविता तत्कालीन यथार्थ अभिव्यक्त करती है। <br />बाबा आज होते वहाँ जाते तो निश्चित ही कविता कुछ और कहती<br /><br /><br />कोई सोच सकता है कि आज वे वहाँ जाते ही नहीं <br />बाबा जाते या न जाते उन की मर्जी <br />लेकिन वे कहीं भी जा सकते थे, किसी भी समय<br />किसी के भी साथ<br />अपनी हत्या के लिए उतारू आदमी के साथ, उस के घर तक भीदिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com